Oonche Neeche Raste - Duet Version

ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
राह में, राही, रुक ना जाना हो कर के मज़बूर

ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
राह में, राही, रुक ना जाना हो कर के मज़बूर
हो, ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर

ये हमारी ज़िंदगी एक लंबा सफ़र ही तो है
चलते हैं जिस पे हम अनजानी डगर ही तो है

देख सँभलना (बच के निकलना)
जो नहीं चलते देख के आगे ठोकर से है चूर

हो, ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
राह में, राही, रुक ना जाना हो कर के मज़बूर
हो, ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर

करूँ क्या मैं, प्यारे भाई, थक जाए अगर मेरे पाँव
दम ले के दो घड़ी, चला-चल बन मिले चाहे गाँव

जो कोई सोया (उसने ही खोया)
बात हमारी याद हमेशा रखना तू ज़रूर

ओ, ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
राह में, राही, रुक ना जाना हो कर के मज़बूर
हो, ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर

तुझे प्यार भी मिले पथ में तो समझना यही
ये है रास्ते की छाँव, साथी, तेरी मंज़िल नहीं

तेरा जो अपना, और है सपना
अपने ही सपनों की मंज़िल से ना रह जाना दूर

ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
राह में, राही, रुक ना जाना हो कर के मज़बूर
ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
राह में, राही, रुक ना जाना हो कर के मज़बूर

ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
राह में, राही, रुक ना जाना हो कर के मज़बूर
ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर
ऊँचे-नीचे रास्ते और मंज़िल तेरी दूर



Credits
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Nagrath Rajesh Roshan
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