Ruke Ruke Se Qadam - Revival

रुके रुके से कदम, रुक के बार बार चले
रुके रुके से कदम, रुक के बार बार चले
करार लेके तेरे दर से बेकरार चले
रुके रुके से कदम, रुक के बार बार चले
रुके रुके से कदम

सुबह ना आयी, कई बार नींद से जागे
सुबह ना आयी, कई बार नींद से जागे
थी एक रात की ये जिन्दगी, गुजार चले
थी एक रात की ये जिन्दगी, गुजार चले
रुके रुके से कदम

उठाए फिरते थे एहसान दिल का सीने पर
उठाए फिरते थे एहसान दिल का सीने पर
ले तेरे कदमों में ये कर्ज भी उतार चले
ले तेरे कदमों में ये कर्ज भी उतार चले
करार लेके तेरे दर से बेकरार चले
रुके रुके से कदम, रुक के बार बार चले
रुके रुके से कदम



Credits
Writer(s): Gulzar, Madan Mohan
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