Apni Ankhon Mein Basa Kar

अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ
जी में आता है कि जी-भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ

मैंने कब तुझ से ज़माने की ख़ुशी माँगी है?
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी है
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी है

सामने तुझ को बिठाकर तेरा दीदार करूँ
जी में आता है कि जी-भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ

साथ छूटे ना कभी तेरा, ये क़सम ले लूँ
हर ख़ुशी देके तुझे तेरे, सनम, ग़म ले लूँ
हर ख़ुशी देके तुझे तेरे, सनम, ग़म ले लूँ

हाए, मैं किस तरह से प्यार का इज़हार करूँ
जी में आता है कि जी-भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ



Credits
Writer(s): Sajan Dehlvi, Shamji Shamji, Ghanshamji
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