Chandni Raat Mein

चाँदनी रात में...
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है
खुद पे इतराते हुए, खुद से शरमाते हुए
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है

नीले अंबर पे कहीं झूले में
सात रंगों के हसीं झूले में
नाज़-ओ-अंदाज़ से...
नाज़-ओ-अदाज़ से लहराते हुए

खुद पे इतराते हुए, खुद से शरमाते हुए
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है

जागती झील के साहिल पे कहीं
ले के हाथों मे कोई साज़-ए-हसीं
एक रंगीन ग़ज़ल...
एक रंगीन ग़ज़ल गाते हुए

फूल बरसाते हुए, प्यार छलकाते हुए
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है

खुल के बिखरे जो महकते गेसू
घुल गई जैसे हवा में खुशबू
मेरी हर साँस को...
मेरी हर साँस को महकाते हुए

खुद पे इतराते हुए, खुद से शरमाते हुए
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है

तूने चेहरे पे झुकाया चेहरा
मैंने हाथों से छुपाया चेहरा
लाज से, शर्म से...
लाज से, शर्म से घबराते हुए

फूल बरसाते हुए, प्यार छलकाते हुए
चाँदनी रात में एक बार तुझे देखा है

एक बार तुझे देखा है
चाँदनी रात में...



Credits
Writer(s): Naqsh Lyallpuri, N/a Khaiyyaam
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