Tere Husn Ki Kya Tarif Karun

तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
कुछ कहते हुए भी डरता हूँ
कहीं भूल से तू ना समझ बैठे
कि मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ

तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
तेरे हुस्न की...
तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
कुछ कहते हुए भी डरता हूँ
कहीं भूल से तू ना समझ बैठे
कि मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ

मेरे दिल में कसक सी होती है
मेरे दिल में...
मेरे दिल में कसक सी होती है
तेरी राह से जब मैं गुज़रती हूँ
इस बात से ये ना समझ लेना
कि मैं तुझसे मोहब्बत करती हूँ

तेरी बात में गीतों की सरगम
तेरी चाल में पायल की छम-छम
तेरी बात में गीतों की सरगम
तेरी चाल में पायल की छम-छम

कोई देख ले तुझको एक नज़र
कोई देख ले तुझको एक नज़र
मर जाए, तेरी आँखों की क़सम

मैं भी हूँ अजब एक दीवाना
मरता हूँ ना आहें भरता हूँ
कहीं भूल से तू ना समझ बैठे
कि मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ

मेरे सामने जब तू आता है
जी धक से मेरा हो जाता है
मेरे सामने जब तू आता है
जी धक से मेरा हो जाता है

लेती है तमन्ना अंगड़ाई
लेती है तमन्ना अंगड़ाई
दिल जाने कहाँ खो जाता है

महसूस ये होता है मुझको
जैसे मैं तेरा दम भरती हूँ
इस बात से ये ना समझ लेना
कि मैं तुझसे मोहब्बत करती हूँ

तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
कुछ कहते हुए भी डरता हूँ
कहीं भूल से तू ना समझ बैठे
कि मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Naushad
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