Jab Kabhi

जब कभी चाँद न हो
अँधेरी रात हो
डरना कम होगा मुझको
अगर तुम साथ हो
जब कभी बादल छाए
या घनी बरसात हो
होगी ख़ुशी हर इक बून्द में
अगर तुम साथ हो

इस जहाँ में कोई मेरा
हो भी या न हो
हर इक लम्हा भर जायेगा

रौशनी से बस अंग में तुम साथ दो

जब कभी जब कभी
आंसू आये आंसू आये
या बुरी या बुरी
सौगात हो सौगात हो

मुस्कुरा लूँगा मैं तो फिर भी

अगर तुम साथ हो

तुम यहाँ हो तो सारे
दुनिया है इधर
सारे अरमान ख्वाब सारे
बन गए है अब तुम्हारी इक नज़र
जब कभी जब कभी
दिल घबराये दिल घबराये
सामने सामने मात हो
जीत के मैं दिखलाऊँगा
अगर तुम साथ हो
जब कभी जब कभी
हस्ते आलम हस्ते आलम
खुशियों की खुशियों की बारात हो
ज़िन्दगी होगी जन्नत
अगर तुम साथ हो



Credits
Writer(s): Vishal Dadlani, Shekhar Ravjiani
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