Zaroorat Hai Zaroorat Hai (From "Man Mauji")

ज़रुरत है, ज़रुरत है, सख़्त ज़रुरत है

ज़रुरत है, ज़रुरत है, ज़रुरत है
एक श्रीमती की, कलावती की
सेवा करें जो पति की

ज़रुरत है, ज़रुरत है, ज़रुरत है
एक श्रीमती की, कलावती की
सेवा करें जो पति की
ज़रुरत है, ज़रुरत है, ज़रुरत है

हसीं हज़ारों भी हो खड़े, मगर उसी पर नज़र पड़े
हसीं हज़ारों भी हो खड़े, मगर उसी पर नज़र पड़े
हो ज़ुल्फ़ गालों से खेलती कि जैसे दिन, रात से लड़े

अदाओं में बहार हो, निगाहों में खुमार हो
क़ुबूल मेरा प्यार हो तो क्या बात है

ज़रुरत है, ज़रुरत है, ज़रुरत है
एक श्रीमती की, कलावती की
सेवा करें जो पति की
ज़रुरत है, ज़रुरत है, ज़रुरत है

झटक के गेसू जहाँ चले तो साथ में आसमाँ चले
झटक के गेसू जहाँ चले तो साथ में आसमाँ चले
लिपट के फ़ितने भी पाँवों से भी पूछते हो कहाँ चले

प्यार से जो काम ले, हँस के सलाम ले
वो हाथ मेरा थाम ले तो क्या बात है

ज़रुरत है, ज़रुरत है, ज़रुरत है
एक श्रीमती की, कलावती की
सेवा करें जो पति की
ज़रुरत है, ज़रुरत है, ज़रुरत है

इतर में साँसें बसी-बसी, वो मस्तियों में रसी-रसी
इतर में साँसें बसी-बसी, वो मस्तियों में रसी-रसी
दराज़ पलकें झुकी-झुकी, भवें घनेरी कसी-कसी

फूलों में गुलाब हो, ख़ुद अपना जवाब हो
वो प्यार की किताब हो तो क्या बात है

ज़रुरत है, ज़रुरत है, ज़रुरत है
एक श्रीमती की, कलावती की
सेवा करें जो पति की
ज़रुरत है, ज़रुरत है, ज़रुरत है

हाँ-हाँ, श्रीमती की
ए-हो, कलावती की
सेवा करें जो पति की
ज़रुरत है, ज़रुरत है, ज़रुरत है

सख़्त ज़रूरत है



Credits
Writer(s): Madan Mohan
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