Hamne Dekhi Hai Un Ankhon Ki (From "Khamoshi")

हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम ना दो
सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो

हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम ना दो
हमने देखी है...

प्यार कोई बोल नहीं, प्यार आवाज़ नहीं
एक खामोशी है, सुनती है, कहा करती है
ना ये बुझती है, ना रुकती है, ना ठहरी है कहीं
नूर की बूँद है, सदियों से बहा करती है

सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो
हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम ना दो
हमने देखी है...

मुस्कुराहट सी खिली रहती है आँखों में कहीं
और पलकों पे उजाले से झुके रहते हैं
होंठ कुछ कहते नहीं, कापते होंठों पे मगर
कितने खामोश से अफ़साने रुके रहते हैं

सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो
हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्ज़ाम ना दो
हमने देखी है...



Credits
Writer(s): Gulzar, Hemant Kumar
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