Haath Choote (From "Pinjar")

हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छुटा करते
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छुटा करते
वक़्त की शाख़ से...
वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं टूटा करते
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छुटा करते

(छूट गए यार, ना छूटी यारी, मौला)
(छूट गए यार, ना छूटी यारी, मौला)
(छूट गए यार, ना छूटी यारी, मौला)

जिसने पैरों के निशाँ भी नहीं छोड़े पीछे
जिसने पैरों के निशाँ भी नहीं छोड़े पीछे

उस मुसाफ़िर का...
उस मुसाफ़िर का पता भी नहीं पूछा करते
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छुटा करते

(छूट गए यार, ना छूटी यारी, मौला)
(छूट गए यार, ना छूटी यारी, मौला)
(छूट गए यार, ना छूटी यारी, मौला)

तूने आवाज़ नहीं दी कभी मुड़कर, वरना
तूने आवाज़ नहीं दी कभी मुड़कर, वरना

हम कईं सदियाँ...
हम कईं सदियाँ तुझे घूम के देखा करते
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छुटा करते

(छूट गए यार, ना छूटी यारी, मौला)
(छूट गए यार, ना छूटी यारी, मौला)
(छूट गए यार, ना छूटी यारी, मौला)

बह रही है तेरी जानिब ही ज़मीं पैरों की
बह रही है तेरी जानिब ही ज़मीं पैरों की

थक गए दौड़ते...
थक गए दौड़ते दरियाओं का पीछा करते
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छुटा करते
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छुटा करते

वक़्त की शाख़ से...
वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं टूटा करते
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छुटा करते



Credits
Writer(s): Sampooran Singh Gulzar, Uttam Singh
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