Zindagi Ka Ye Lamha

ज़िंदगी का ये लम्हा कितना प्यारा-प्यारा है
ज़िंदगी का ये लम्हा कितना प्यारा-प्यारा है
धड़कने तुम्हारी हैं, और दिल हमारा है

ज़िंदगी का ये लम्हा कितना प्यारा-प्यारा है
ज़िंदगी का ये लम्हा कितना प्यारा-प्यारा है
धड़कने तुम्हारी हैं, और दिल हमारा है
ज़िंदगी का ये लम्हा कितना प्यारा-प्यारा है

हर घड़ी ये दिल चाहे तेरे दिल पे छा जाऊँ
जिस्म को मिटा दूँ मैं रूह में समा जाऊँ
रूह में समा जाऊँ
हर घड़ी ये दिल चाहे तेरे दिल पे छा जाऊँ
जिस्म को मिटा दूँ मैं रूह में समा जाऊँ
रूह में समा जाऊँ

मेरे सारे अरमाँ का तू ही तू सहारा है
मेरे सारे अरमाँ का तू ही तू सहारा है
धड़कने तुम्हारी हैं, और दिल हमारा है
ज़िंदगी का ये लम्हा कितना प्यारा-प्यारा है

तेरे सुर्ख होंठों से आँच जो निकलती है
जिस्म की हक़ीक़त क्या रूह तक भी जलती है
रूह तक भी जलती है
गर्म-गर्म साँसों से आँच जो निकलती है
जिस्म की हक़ीक़त क्या रूह तक भी जलती है
रूह तक भी जलती है

ये बदन है फूलों सा या कोई शरारा है
ये बदन है फूलों सा या कोई शरारा है
धड़कने तुम्हारी हैं, और दिल हमारा है
ज़िंदगी का ये लम्हा कितना प्यारा-प्यारा है



Credits
Writer(s): Madhukar Anand
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link