Os Gira Karti Hai Jaisa

ओस गिरा करती है जैसे

ओस गिरा करती है जैसे
फूलों की गरमाइश पर
ओस गिरा करती है जैसे
फूलों की गरमाइश पर

थोड़ा-थोड़ा बोले थे वो
थोड़ा-थोड़ा बोले थे वो
थोड़ी सी फ़रमाइश पर
ओस गिरा करती है जैसे
फूलों की गरमाइश पर

फ़ासले हैं भी और नहीं भी
नापा-तोला कुछ भी नहीं
फ़ासले हैं भी और नहीं भी
नापा-तोला कुछ भी नहीं

लोग ब-ज़िद रहते हैं फिर भी
लोग ब-ज़िद रहते हैं फिर भी
रिश्तों की पैमाइश पर
ओस गिरा करती है जैसे
फूलों की गरमाइश पर

मुँह मोड़ा और देखा
कितनी दूर खड़े थे हम दोनों
मुँह मोड़ा और देखा
कितनी दूर खड़े थे हम दोनों

आप लड़े थे हमसे बस इक
आप लड़े थे हमसे बस इक
करवट की गुंजाइश पर

थोड़ा-थोड़ा बोले थे वो
थोड़ा-थोड़ा बोले थे वो
थोड़ी सी फ़रमाइश पर
ओस गिरा करती है जैसे
फूलों की गरमाइश पर

फूलों की गरमाइश पर
फूलों की गरमाइश पर



Credits
Writer(s): Gulzar, Bhupender Singh
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