Zamane Se Poochho

ज़माने से पूछो, मेरे दिल से पूछो
मैं ख़ुश हूँ, नहीं हूँ, तुम्हें क्या पता
सभी साथ हैं, पर मैं हूँ अकेला
अँधेरा बड़ा है, ये दिल बुझ गया

दिन-रात, रात मैं हूँ जागता
हर ख़्वाब-ख़्वाब तुझको माँगता
यही प्यार-प्यार का है वास्ता
मेरी ज़िंदगी का है तू हादसा
मेरे हमसफ़र, तुम कहाँ खो गए हो?
ये क्या हो गया?

नग़्मों को मेरे सुन कर हमेशा
रोती हो क्यों तुम? क्यों ख़ुद से ख़फ़ा?
ख़तों को मेरे यूँ सीने से लगा कर
सिसकती हो क्यों तुम? है किसकी ख़ता?
ये क्या हो गया?

ज़माने से पूछो, मेरे दिल से पूछो
मैं ख़ुश हूँ, नहीं हूँ, तुम्हें क्या पता

तुम तो सफ़र में, मेरे हमसफ़र थे
कहाँ खो गए हो? ये क्या हो गया?
पल जो हमेशा ख़ुशी से भरा था
वो पल क्यूँ हमें अब रुलाने लगा है?
ये क्या हो गया?

ज़माने से पूछो, मेरे दिल से पूछो
मैं ख़ुश हूँ, नहीं हूँ, तुम्हें क्या पता

दिन-रात, रात मैं हूँ जागता
हर ख़्वाब-ख़्वाब तुझको माँगता
यही प्यार-प्यार का है वास्ता
मेरी ज़िंदगी का है तू हादसा
मेरे हमसफ़र, तुम कहाँ खो गए हो?
ये क्या हो गया?



Credits
Writer(s): Nusrat Badr, Saptarshi 'abhijeet'
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