Bhakto Ki Laaj Bachayee (From "Laakhan")

भक्तों की लाज बचाई, ओ, मेरे कृष्ण कन्हाई
(भक्तों की लाज बचाई, ओ, मेरे कृष्ण कन्हाई)

तब-तब तेरा दर्शन पाया, जब-जब आस लगाई
ओ, मेरे कृष्ण कन्हाई

(भक्तों की लाज बचाई, ओ, मेरे कृष्ण कन्हाई)

(जय घनश्याम, जय-जय राधेश्याम)
(जय-जय श्याम) श्याम

दर तेरे का द्वारपाल हूँ, आया मैं झोली फैलाए
(दर तेरे का द्वारपाल हूँ, आया मैं झोली फैलाए)
ओ, लोभी जग का वातावरण, प्रभु, मेरे निकट ना आए

पथ पे तेरे इन नैनों ने प्रेम की जोत जलाई
ओ, मेरे कृष्ण कन्हाई

(भक्तों की लाज बचाई, ओ, मेरे कृष्ण कन्हाई)

(जय घनश्याम, जय-जय राधेश्याम)
(जय-जय श्याम) श्याम

साँझ-भोर अपने आँगन में तेरे दर्शन पाऊँ
(साँझ-भोर अपने आँगन में तेरे दर्शन पाऊँ)
ओ, निस-दिन तेरे चरणों में, प्रभु, अपना शीश झुकाऊँ

पल-भर भी अब सही ना जाए मुझसे तेरी जुदाई
ओ, मेरे कृष्ण कन्हाई

(भक्तों की लाज बचाई, ओ, मेरे कृष्ण कन्हाई)



Credits
Writer(s): Sonik Omi, Varma Malik
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