Prem Mein Tohre (From "Begum Jaan")


प्रेम में तोहरे ऐसी पड़ी मैं
पुराना ज़माना नया हो गया
ये क्या हो गया

कब साँस थमी कब साँस छोडी
हर दर्द मेरा बयान हो गया ये क्या हो गया
प्रेम में तोहरे

आँखो से छलके शाम-ए-अवध की
सुबह है होंटो पे बनारस वाली
बालों से बरसे झेलम का पानी
घाट से घाट मैं ऐसी फिरी रे
मुझसे ठिकाना मेरा खो गया
यह क्या हो गया प्रेम में तोहरे

परदे में तोहरे चोरी चोरी चोरी चोरी जिया जाए ना
परदे में तोहरे चोरी चोरी चोरी चोरी मिटा जाए गा
आता है छुप के तू मेरे दर पर
घायल दिल और धड़कन बंजर
घायल दिल और धड़कन बंजर
हल्दी मली जो घाव पे तोहरे
हर ज़ख्म मेरा हरा हो गया
ये क्या हो गया, प्रेम में तोहरे ऐसी पड़ी मैं
पुराना ज़माना नया हो गया
ये क्या हो गया, प्रेम में तोहरे



Credits
Writer(s): Anu Malik
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