Prem Mein Tohre

आ, आ, आ

प्रेम में तोहरे ऐसी पड़ी मैं
पुराना ज़माना नया हो गया
ये क्या हो गया!

कब साँस थामी, कब साँस छोड़ी
हर दर्द मेरा बयाँ हो गया
ये क्या हो गया प्रेम में तोहरे!

आँखों से छलके शामें अवध की
सुबह है होंठों पे बनारस वाली
बालों से बरसे झेलम का पानी

घाट से घाट मैं ऐसी फिरी रे
मुझसे ठिकाना मेरा खो गया
ये क्या हो गया प्रेम में तोहरे!

परदे में तोहरे चोरी-चोरी, चोरी, चोरी जिया जाए ना
परदे में तोहरे चोरी-चोरी, चोरी, चोरी जिया जाए ना
आता है छुप के तू मेरे दर पर, घायल दिल और धड़कन बंजर
घायल दिल और धड़कन बंजर

हल्दी मली जो घाव पे तोहरे
हर ज़ख़्म मेरा हरा हो गया
ये क्या हो गया!

प्रेम में तोहरे ऐसी पड़ी मैं
पुराना ज़माना नया हो गया
ये क्या हो गया प्रेम में तोहरे!



Credits
Writer(s): Malik Anu, Munir Kausar
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