Suhana Safar Aur Yeh Mausam - From "Madhumati"

सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं
हमें डर है हम खो न जाएं कहीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं

ये कौन हँसता है फूलों में छूप कर
बहार बेचैन है किसकी धुन पर
ये कौन हँसता है फूलों में छूप कर
बहार बेचैन है किसकी धुन पर
कहीं गुण-गुण, कहीं रुमझुम, के जैसे नाचे ज़मीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं
हमें डर है हम खो न जाएं कहीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं

ये गोरी नदियों का चलना उछलकर
के जैसे अल्हड़ चले पी से मिलकर
ये गोरी नदियों का चलना उछलकर
के जैसे अल्हड़ चले पी से मिलकर
प्यारे प्यारे ये नज़ारे निखरे हैं हर कहीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं
हमें डर है हम खो न जाएं कहीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं

वो आसमाँ झुक रहा है ज़मीं पर
वो आसमाँ झुक रहा है ज़मीं पर
ये मिलन हमने देखा यहीं पर
वो आसमाँ झुक रहा है ज़मीं पर
ये मिलन हमने देखा यहीं पर
मेरी दुनिया, मेरे सपने, मिलेंगे शायद यहीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं
हमें डर है हम खो न जाएं कहीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं



Credits
Writer(s): Salil Choudhury
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