O Saathi Re

Amitabh Bacchhan अपने माता-पिता को बहुत ज़्यादा चाहते थे
ख़ास तौर पे अपनी माँ, Teji Bacchhan को
और अक्सर मुझसे Hasrat Jaipuri का ये शेर सुनते थे
"कोई 'गर मुझसे ये पूछे, के मैं अपनी माँ को क्या कहता
कोई 'गर मुझसे ये पूछे, मैं अपनी माँ को क्या कहता
ना होता कुफ़्र दुनिया में तो मैं माँ को ख़ुदा कहता"

Amit जी का कहना है
के अपनी माँ और बाबुजी के बिना मेरी ज़िंदगी की सारी ख़ुशियाँ बिल्कुल अधूरी हैं

ओ, साथी रे
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना

ओ, साथी रे
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना

फूलों में, कलियों में, सपनों की गलियों में
फूलों में, कलियों में, सपनों की गलियों में
तेरे बिना कुछ कहीं ना

तेरे बिना भी क्या जीना
ओ, साथी रे
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना

हर धड़कन में प्यास है तेरी
साँसों में तेरी ख़ुशबू है
इस धरती से उस अंबर तक
मेरी नज़र में तू ही तू है

प्यार ये टूटे ना
प्यार ये टूटे ना, तू मुझसे रूठे ना
साथ ये छूटे कभी ना

तेरे बिना भी क्या जीना
ओ, साथी रे
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना

तुझ बिन जोगन मेरी रातें
तुझ बिन मेरे दिन बंजारे
मेरा जीवन जलती धूनी
बुझे-बुझे मेरे सपने सारे

तेरे बिना मेरी
तेरे बिना मेरी, मेरे बिना तेरी
ये ज़िंदगी, ज़िंदगी ना

तेरे बिना भी क्या जीना
ओ, साथी रे
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना

तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना



Credits
Writer(s): Bally Sagoo, Anandji Kalyanji, Anjaan
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