Mehboob Mere Mehboob Mere - From "Patthar Ke Sanam"

महबूब मेरे, महबूब मेरे
महबूब मेरे, महबूब मेरे
तू है तो दुनिया कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है

महबूब मेरे, महबूब मेरे
महबूब मेरे, महबूब मेरे
तू है तो दुनिया कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है
महबूब मेरे

तू हो तो बढ़ जाती है क़ीमत मौसम की
तू हो तो बढ़ जाती है क़ीमत मौसम की
ये जो तेरी आँखें हैं, शोला-शबनम सी
यहीं मरना भी है मुझ को, मुझे जीना भी यहीं है

महबूब मेरे, महबूब मेरे
महबूब मेरे, महबूब मेरे
तू है तो दुनिया कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है
महबूब मेरे

अरमाँ किस को जन्नत की रंगीं गलियों का?
अरमाँ किस को जन्नत की रंगीं गलियों का?
मुझ को तेरा दामन है बिस्तर कलियों का
जहाँ पर हैं तेरी बाँहें, मेरी जन्नत भी वहीं है

महबूब मेरे, महबूब मेरे
महबूब मेरे, महबूब मेरे
तू है तो दुनिया कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है
महबूब मेरे

रख दे मुझ को तू अपना दीवाना करके
रख दे मुझ को तू अपना दीवाना करके
नज़दीक आजा, फिर देखूँ तुझ को जी भर के
मेरे जैसे होंगे लाखों, कोई भी तुझ सा नहीं है

महबूब मेरे (हो, महबूब मेरे)
महबूब मेरे, महबूब मेरे
तू है तो दुनिया कितनी हसीं है
जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है
महबूब मेरे



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal, Majrooh Sultanpuri
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link