Chup Chand Hain

चुप चाँद है, चुप है ज़मीं
बातें कोई करता नहीं
चुप चाँद है, चुप है ज़मीं
बातें कोई करता नहीं

छेड़ो कोई नग़्मा हसीं, छेड़ो कोई नग़्मा हसीं
के समाँ गुनगुनाने लगे, हर नज़र मुस्कुराने लगे
के समाँ गुनगुनाने लगे, हर नज़र मुस्कुराने लगे

चुप, चुप-चुप...
चुप चाँद है, चुप है ज़मीं

पलकों पे लेके सितारे, आई है ये रात, प्यारे
हर तारे को सुर में लाके, सरगम का दो नशा रे
Hmm, पलकों पे लेके सितारे, आई है ये रात, प्यारे
हर तारे को सुर में लाके, सरगम का दो नशा रे

छेड़ो कोई नग़्मा हसीं, छेड़ो कोई नग़्मा हसीं
जो सितारों पे छाने लगे, हर नज़र मुस्कुराने लगे
जो सितारों पे छाने लगे, हर नज़र मुस्कुराने लगे

चुप, चुप-चुप...
चुप चाँद है, चुप है ज़मीं

गुससुम है क्यूँ ये ज़माना? ख़ोया कहाँ हर तराना?
आवाज़ों की लौ से सीखो तुम ज़िंदगी सजाना
गुससुम है क्यूँ ये ज़माना? ख़ोया कहाँ हर तराना?
आवाज़ों की लौ से सीखो तुम ज़िंदगी सजाना

छेड़ो कोई नग़्मा हसीं, छेड़ो कोई नग़्मा हसीं
जो दिलों को जगाने लगे, हर नज़र मुस्कुराने लगे
जो दिलों को जगाने लगे, हर नज़र मुस्कुराने लगे

चुप, चुप-चुप...
चुप चाँद है

चुप चाँद है, चुप है ज़मीं
बातें कोई करता नहीं

छेड़ो कोई नग़्मा हसीं, छेड़ो कोई नग़्मा हसीं
के समाँ गुनगुनाने लगे, हर नज़र मुस्कुराने लगे
के समाँ गुनगुनाने लगे, हर नज़र मुस्कुराने लगे

चुप, चुप-चुप...
चुप चाँद है, चुप है ज़मीं
चुप चाँद है, चुप है ज़मीं

हो, चुप चाँद है, चुप है ज़मीं
चुप चाँद है, चुप है ज़मीं



Credits
Writer(s): Shaheen Iqbal, Sanjeev Shrivastava
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