Aaj Likhenge Kal

चल-चल आज लिखेंगें कल

चल-चल आज लिखेंगें कल
चल-चल आज लिखेंगें कल
चल-चल आज लिखेंगें कल

चल आज लिखेंगें कल
चल आज लिखेंगें कल

अपने ख्बाबों की आग लेके हम
सारी ख्वाहिशें साथ लेके हम

जी लेंगे सारे पल
चल आज लिखेंगें कल
चल आज लिखेंगें कल

चल-चल आज लिखेंगें कल
चल-चल आज लिखेंगें कल
चल-चल आज लिखेंगें कल
चल-चल आज लिखेंगें कल

रास्ते की धूप से
रोशनी को छान कर
अपनी परछाईयों से
शान थोड़ी माँग कर
खुद की सरहदों से
आगे निकल

हाथ की लकीरों को
थोड़ा सा मोड़ कर
ज़िन्दगी में थोड़ी और
ज़िन्दगी को जोड़ कर
आजा तराश ले हर एक पल

चल आज लिखेंगें कल

चल आज लिखेंगें कल

मिश्री से खाब, चख कर
मिश्री से खाब चख कर
सूरज पलकों पे रखकर
मंज़िल के चुनले तू निशा रे

हर लम्हा कह रहा हैं
तू ही अपना खुदा है
आँखों में भर ले आसमां रे

तारों की तरह जल

चल आज लिखेंगें कल

चल आज लिखेंगें कल

चल-चल आज लिखेंगें कल
चल-चल आज लिखेंगें कल
चल-चल आज लिखेंगें कल
चल-चल आज लिखेंगें कल



Credits
Writer(s): Vishal Bhardwaj, Srijan Shukla
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link