Woh Lamhe - Remix

वो लम्हे, वो बातें कोई ना जाने
थी कैसी रातें, हो, बरसातें
वो भीगी-भीगी यादें
वो भीगी-भीगी यादें

ना मैं जानू, ना तू जाने
कैसा है ये मौसम कोई ना जाने

कहीं से ये ख़िज़ाँ आई
ग़मों की धूप संग लाई
ख़फ़ा हो गए हम
जुदा हो गए हम

वो लम्हे, वो बातें कोई ना जाने
थी कैसी रातें, हो, बरसातें
वो भीगी-भीगी यादें
वो भीगी-भीगी यादें

सागर की गहराई से गहरा है अपना प्यार
सहराओं की इन हवाओं में कैसे आएगी बहार?

कहाँ से ये हवा आई?
घटाएँ काली क्यूँ छाईं?
ख़फ़ा हो गए हम
जुदा हो गए हम

वो लम्हे, वो बातें कोई ना जाने
थी कैसी रातें, हो, बरसातें
वो भीगी-भीगी यादें
वो भीगी-भीगी यादें



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri, Roop Kumar Rathod, Guru Sharma
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