Zindagi Khwab Hai

ज़िंदगी ख़्वाब है
ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िंदगी ख़्वाब है
ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या

सब सच है
ज़िन्दगी ख्वाब है

दिल ने हमसे जो कहा
हमने वैसा ही किया
दिल ने हमसे जो कहा
हमने वैसा ही किया
फ़िर कभी फ़ुरसत से सोचेंगे
बुरा था या भला

ज़िन्दगी ख़्वाब है
ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख़्वाब है

एक कतरा मय का जब
पत्थर से होंठों पर पड़ा
एक कतरा मय का जब
पत्थर से होंठों पर पड़ा
उसके सीने में भी दिल धड़का
ये उसने भी कहा
क्या

ज़िंदगी ख़्वाब है
ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख़्वाब है

एक प्याली भर के मैंने
गम के मारे दिल को दी
एक प्याली भर के मैंने
गम के मारे दिल को दी
जहर ने मारा जहर को
मुर्दे में फिर जान आ गयी

ज़िन्दगी ख़्वाब है
ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख़्वाब है



Credits
Writer(s): Shailendra, Salil Chowdhari
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