Jab Jaag Uthe Arman

जब जाग उठें अरमान
तो कैसे नींद आए?

जब जाग उठें अरमान
तो कैसे नींद आए?

हो घर में हसीं मेहमान
तो कैसे नींद आए? नींद आए
जब जाग उठें अरमान
तो कैसे नींद आए?

ये रात, ये दिल की धड़कन
ये बढ़ती हुई बेताबी
एक जाम के ख़ातिर जैसे
बेचैन हो कोई शराबी

ये रात, ये दिल की धड़कन
ये बढ़ती हुई बेताबी
एक जाम के ख़ातिर जैसे
बेचैन हो कोई शराबी

शोलों में घिरी हो जान
तो कैसे नींद आए?
जब जाग उठें अरमान
तो कैसे नींद आए?

नज़दीक बहुत है मंज़िल
फिर भी है ग़ज़ब की दूरी
ऐ दिल, ये तू ही बतला दे
ये कौन सी है मजबूरी?

नज़दीक बहुत है मंज़िल
फिर भी है ग़ज़ब की दूरी
ऐ दिल, ये तू ही बतला दे
ये कौन सी है मजबूरी?

जब सोच में हो इंसान
तो कैसे नींद आए?
हो घर में हसीं मेहमान
तो कैसे नींद आए? नींद आए

जब जाग उठें अरमान
तो कैसे नींद आए?



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Hemant Kumar
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