Khushi Bhi Mili Hamko

रात ख़ामोशी से आती है, चली जाती है
ज़िंदगी दर्द के साँचे में ढली जाती है

ख़ुशी भी मिली हम को तो ग़म से भरी
अजब है ये क़िस्मत की जादूगरी
ख़ुशी भी मिली हम को तो ग़म से भरी
अजब है ये क़िस्मत की जादूगरी

खोई-खोई आजकल दिल की हर उमंग है
जाने ज़िंदगी का ये कैसा रंग है
कभी है अँधेरा, कभी रोशनी

ख़ुशी भी मिली हम को तो ग़म से भरी
अजब है ये क़िस्मत की जादूगरी

हसरतें बुझी-बुझी, हौसले थके-थके
मिल के भी किसी से हम मिल नहीं सके
खिली ना बहारों में दिल की कली

ख़ुशी भी मिली हम को तो ग़म से भरी
अजब है ये क़िस्मत की जादूगरी

प्यार की ख़ुशी हमें मिल सकी ना प्यार में
कितने दिन गुज़र गए इंतज़ार में
कहानी हमारी अधूरी रही

ख़ुशी भी मिली हम को तो ग़म से भरी
अजब है ये क़िस्मत की जादूगरी



Credits
Writer(s): Shakeel Badayuni, Hemant Kumar
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