Ishq Bhi Kya Cheez Hai

इश्क़ है चाँदी, इश्क़ है सोना
इश्क़ है हीरे-मोती
इश्क़ अगर ना होता, लोगों
ये दुनिया ना होती

कोई ये बताओ, इश्क़ होता है क्या?
क्यूँ होता है? इसमें होता है क्या?

कभी दिल घबराए, कभी नींद उड़ी जाए
कहीं चैन ना आए, इश्क़ भी क्या चीज़ है
हो-हो-हो, इश्क़ भी क्या चीज़ है

कभी दिल घबराए, कभी नींद उड़ी जाए
कहीं चैन ना आए, इश्क़ भी क्या चीज़ है
हो-हो-हो, इश्क़ भी क्या चीज़ है

ये क्या चीज़ है?
कभी सपने दिखाए, कभी उम्मीदें बढ़ाए
कई दर्द जगाए, इश्क़ भी क्या चीज़ है
हो-हो-हो, इश्क़ भी क्या चीज़ है

दिल खोया-खोया रहे
हो-हो, कुछ भी ना अच्छा लगे
ओ, जग सारा झूठा लगे
ओ-ओ, महबूब सच्चा लगे

ये तो है ऐसी सज़ा
आता है जिसमें मज़ा
आता है जिसमें मज़ा

कभी सावन बरसाए, कभी शोले भड़काए
कई मौसम ये दिखाए, इश्क़ भी क्या चीज़ है
हो-हो-हो, इश्क़ भी क्या चीज़ है

(इश्क़ भी क्या चीज़ है)
(इश्क़ भी क्या चीज़ है)

हो चाहे जो भी उमर
हो-हो, होता है इसका असर
मुमकिन भुलाना नहीं
हो-हो, ये तो है ऐसा सफ़र

दिल से दिल जो मिलें
होते शुरू सिलसिले
होते शुरू सिलसिले

कभी कहा नहीं जाए, कभी सहा नहीं जाए
चुप रहा नहीं जाए, इश्क़ भी क्या चीज़ है
हो-हो-हो, इश्क़ भी क्या चीज़ है

कभी दिल घबराए, कभी नींद उड़ी जाए
कहीं चैन ना आए, इश्क़ भी क्या चीज़ है
हो-हो-हो, इश्क़ भी क्या चीज़ है

(इश्क़ भी क्या चीज़ है)
(इश्क़ भी क्या चीज़ है)
(इश्क़ भी क्या चीज़ है)



Credits
Writer(s): Sudhakar Sharma, Himesh Reshmiyya
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