Chura Ke Dil Mera

चुरा के दिल मेरा गोरिया चली
चुरा के दिल मेरा गोरिया चली
उड़ा के निंदिया कहाँ तू चली?

पागल हुआ, दीवाना हुआ
पागल हुआ, दीवाना हुआ
कैसी ये दिल की लगी?

हो, चुरा के दिल तेरा चली, मैं चली
मुझे क्या पता कहाँ मैं चली

मंज़िल मेरी बस तू ही तू
मंज़िल मेरी बस तू ही तू
तेरी गली मैं चली

ओ, चुरा के दिल मेरा गोरिया चली
चुरा के दिल तेरा चली, मैं चली

अभी तो लगे हैं चाहतों के मेले
अभी दिल मेरा धड़कनों से खेले
किसी मोड़ पर मैं तुम को पुकारूँ
बहाना कोई बना तो ना लोगे?

अगर मैं बता दूँ मेरे दिल में क्या है
तो मुझ से निगाहें चुरा तो ना लोगे?
अगर बढ़ गई हैं बेताबियाँ
कहीं मुझ से दामन छुड़ा तो ना लोगे?

कहता है दिल धड़कते हुए
तुम सनम हमारे, हम तुम्हारे हुए

मंज़िल मेरी बस तू ही तू
मंज़िल मेरी बस तू ही तू
तेरी गली मैं चली

ओ, चुरा के दिल मेरा गोरिया चली
चुरा के दिल तेरा चली, मैं चली

नहीं बेवफ़ा तुम, ये मुझ को ख़बर है
बदलती रुतों से मगर मुझ को डर है
नई हसरतों की नई सेज पर तुम
नया फूल कोई सजा तो ना लोगे?

वफ़ाएँ तो मुझ से बहुत तुम ने की हैं
मगर इस जहाँ में हसीं और भी हैं
क़सम मेरी खाकर इतना बता दो
किसी और से दिल लगा तो ना लोगे?

धीरे-धीरे, चोरी-चोरी
चुप के, चुप के आ के मिल
टूट ना जाए प्यार भरा ये दिल

मंज़िल मेरी बस तू ही तू
मंज़िल मेरी बस तू ही तू
तेरी गली मैं चली

चुरा के दिल मेरा गोरिया चली



Credits
Writer(s): Anu Malik, Rahat Indori
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