Raah Bani Khud Manzil

राह बनी ख़ुद मंज़िल
पीछे रह गई मुश्किल, साथ जो आए तुम
राह बनी ख़ुद मंज़िल
पीछे रह गई मुश्किल, साथ जो आए तुम
राह बनी ख़ुद मंज़िल

देखो, फूल बन के सारी धरती खिल पड़ी

देखो, फूल बन के सारी धरती खिल पड़ी
गुज़रे आरज़ू के रास्तों से जिस घड़ी
जिस्म चुराए तुम

राह बनी ख़ुद मंज़िल
पीछे रह गई मुश्किल, साथ जो आए तुम
राह बनी ख़ुद मंज़िल

झरना कह रहा है मेरे दिल की दास्ताँ

झरना कह रहा है मेरे दिल की दास्ताँ
मेरी प्यास लेकर छा रही हैं मस्तियाँ
जिनमें नहाए तुम

राह बनी ख़ुद मंज़िल
पीछे रह गई मुश्किल, साथ जो आए तुम
राह बनी ख़ुद मंज़िल

पंछी उड़ गए सब गा के नग़्मा यार का

पंछी उड़ गए सब गा के नग़्मा यार का
लेकिन दिल ने ऐसा जाल फेंका प्यार का
उड़ने ना पाए तुम

राह बनी ख़ुद मंज़िल
पीछे रह गई मुश्किल, साथ जो आए तुम



Credits
Writer(s): Kaifi Azmi, Hemant Kumar
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