Ek Hasina Thi Ek Diwana Tha

Romeo-Juliet
लैला-मजनू
शिरीन-फरहाद
इनका सच्चा इश्क़ ज़माने को अब तक है याद
याद
याद मुझे आया है एक ऐसे दिलबर का नाम
जिसने धोका देकर नाम-ऐ-इश्क़ किया बदनाम

यही है शबनमी कहानी प्यार की
किसीने जान ली, किसीने जान दी

एक हसीना थी, एक दीवाना था
क्या उम्र, क्या समा, क्या ज़माना था
एक हसीना थी (हसीना थी)
एक दीवाना था (दीवाना था)
क्या उम्र, क्या समा, क्या ज़माना था

एक दिन वो मिले (रोज़ मिलने लगे
एक दिन वो मिले (रोज़ मिलने लगे
फिर मोहब्बत हुई, (बस क़यामत हुई)
खो गए तुम कहाँ, सुनके ये दास्ताँ
लोग हैरान है, क्योंकि अनजान है
(इश्क़ की वो गली, बात जिसकी चली)
उस गली में मेरा आना, जाना था

एक हसीना थी, एक दीवाना था
क्या उम्र थी, क्या समा था, क्या ज़माना था
एक हसीना थी, एक दीवाना था

उस हसीं ने कहा
उस हसीं ने कहा
(सुनो जान-ए-वफ़ा)
(ये फ़लक़, ये ज़मीं, तेरे बिन कुछ नहीं)
(तुझपे मरती हूँ मैं, प्यार करती हूँ मैं)
बात कुछ और थी, वो नज़र चोर थी
(उसके दिल में छुपी, चाह दौलत की थी)
प्यार का, वो फ़क़त, इक बहाना था

एक हसीना थी, एक दीवाना था
क्या उम्र थी, क्या समा था, क्या ज़माना था
एक हसीना थी, एक दीवाना था

बेवफ़ा यार ने, अपने महबूब से
ऐसा धोखा किया (ऐसा धोखा किया. ऐसा धोखा किया)
ऐसा धोखा किया, ज़हर उसको दिया
ज़हर उसको दिया

मर गया वो जवाँ
मर गया वो जवाँ, अब सुनो दास्ताँ
जन्म लेके कहीं, फिर वो पहुंचा वहीं
शक़्ल अन्जान थी, अक्ल हैरान थी
सामना जब हुआ
सामना जब हुआ, फिर वही सब हुआ
उसपे ये क़र्ज़ था, उसका ये फ़र्ज़ था
फ़र्ज़ को क़र्ज़ अपना चुकाना था



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Laxmikant Pyarelai
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