Such Keh Raha Hai

मौसम-मौसम था सुहाना बड़ा, मौसम-मौसम
मैंने देखा उसे हुआ मैं पागल बस पल-भर में, आ
मौसम-मौसम था सुहाना बड़ा, मौसम-मौसम
मैंने देखा उसे हुआ मैं पागल बस पल-भर में

आके बसी है वो मेरे मन में
उसकी कमी है अब जीवन में
वो दूर है मेरी नज़रों से, क्यूँ उसे मैं चाहूँ?

सच कह रहा है दीवाना दिल
दिल ना किसी से लगाना
झूठे हैं यार के वादे सारे
झूठी हैं प्यार की कस्में

मैंने हर लम्हा जिसे चाहा, जिसे पूजा
उसी ने, यारों, मेरा दिल तोड़ा, तोड़ा
तन्हा, तन्हा छोड़ा

सुंदर-सुंदर वो हसीना बड़ी, सुंदर-सुंदर
मैं तो खोने लगा, उसके नशे में बिन पिए बहका, आ
सुंदर-सुंदर वो हसीना बड़ी, सुंदर-सुंदर
मैं तो खोने लगा, उसके नशे में बिन पिए बहका

एक दिन उसे भूला दूँगा मैं
उसके निशाँ मिटा दूँगा मैं
चाहूँगा ना मैं उस पत्थर को
जा, उसे बता दे

मैंने हर लम्हा जिसे चाहा, जिसे पूजा
उसी ने, यारों, मेरा दिल तोड़ा, तोड़ा
तन्हा, तन्हा छोड़ा



Credits
Writer(s): Harris Jayaraj
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