Yeh Duniya Agar Mil Bhi Jaye to (From "Pyaasa")

ये महलों, ये तख्तों, ये ताजों की दुनिया
ये इन्सां के दुश्मन समाजों की दुनिया
ये दौलत के भूखे रिवाजों की दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

हर इक जिस्म घायल, हर इक रूह प्यासी
निगाहों में उलझन, दिलों में उदासी
ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी
ये दुनिया अगर मिल भी...

यहाँ इक खिलौना है इन्सां की हस्ती
ये बस्ती है मुर्दा-परस्तों की बस्ती
यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती
ये दुनिया अगर मिल भी...

जवानी भटकती हैं बदकार बन कर
जवाँ जिस्म सजते हैं बाज़ार बन कर
यहाँ प्यार होता है व्योपार बन कर
ये दुनिया अगर मिल भी...

ये दुनिया जहाँ आदमी कुछ नहीं है
वफ़ा कुछ नहीं, दोस्ती कुछ नहीं है
जहाँ प्यार की कद्र ही कुछ नहीं है
ये दुनिया अगर मिल भी...

जला दो इसे फूंक डालो ये दुनिया
जला दो, जला दो, जला दो
जला दो इसे फूंक डालो ये दुनिया
मेरे सामने से हटा लो ये दुनिया
तुम्हारी है तुम ही संभालो ये दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी...



Credits
Writer(s): S D Burman
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