Nai Manzil Nai Rahen (Duet)

नई मंज़िल, नई राहें, नया है मेहरबा अपना
न जाने जाके ठहरेगा कहाँ ये कारवां अपना

न चमकेगी जहाँ बिजली, न आयेगा जहाँ तूफ़ा
बनाएंगे उसी डाली पे जाके आशियां अपना

भरोसा है मुक़द्दर पर तुम्हारा भी सहारा है
कहीं दुश्मन न बन जाए ये ज़ालिम आस्मां अपना
नई मंज़िल, नई राहें, नया है मेहरबा अपना
न जाने जाके ठहरेगा कहाँ ये कारवां अपना

दिखाएंगे हमें ये चाँद तारे राह मंज़िल की

दिखाएंगे हमें ये चाँद तारे राह मंज़िल की
बनाते हो अगर दुश्मन तो हो सारा जहाँ अपना
नई मंज़िल, नई राहें, नया है मेहरबा अपना
न जाने जाके ठहरेगा कहाँ ये कारवां अपना



Credits
Writer(s): Hemant Kumar, S H Bihari
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