Bheegi Bheegi Raaton Mein (From "Ajnabee")

भीगी-भीगी रातों में, मीठी-मीठी बातों में
ऐसी बरसातों में, कैसा लगता है, हां
ऐसा लगता है, तुम बन के बादल
मेरे बदन को भीगो के मुझे

छेड़ रहे हो
हो, छेड़ रहे हो
ऐसा लगता है, तुम बन के बादल
मेरे बदन को भीगो के मुझे

छेड़ रहे हो
हो, छेड़ रहे हो

अंबर खेले होली उई माँ, भीगी मोरी चोली
हमजोली, हमजोली
अंबर खेले होली उई माँ, भीगी मोरी चोली
हमजोली, हमजोली
हो पानी के इस रेले में, सावन के इस मेले में
छत पे अकेले में, कैसा लगता है
ऐसा लगता है, तुम बन के घटा
अपने सजन को भीगो के खेल
खेल रही हो

हो, खेल रही हो
ऐसा लगता है, तुम बन के बादल
मेरे बदन को भीगो के मुझे
छेड़ रहे हो
हो, छेड़ रहे हो

बरखा से बचा लूँ, तुझे सीने से लगा लूँ
आ छुपा लूँ
आ छुपा लूँ
बरखा से बचा लूँ, तुझे सीने से लगा लूँ
आ छुपा लूँ
आ छुपा लूँ
दिलने पुकारा देखो, रुत का इशारा देखो
उफ़ ये नजारा देखो, कैसा लगता है
बोलो!
ऐसा लगता है, कुछ हो जाएगा
मस्त पवन के ये झोंके सैय्यां
देख रहे हो
हो, देख रहे हो
ऐसा लगता है, तुम बन के बादल
मेरे बदन को भीगो के मुझे
छेड़ रहे हो
हो, छेड़ रहे हो



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman
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