Tum Bin Jaoon Kahan

तुम बिन जाऊँ कहाँ?
तुम बिन जाऊँ कहाँ? कि दुनिया में आ के
कुछ ना फिर चाहा, सनम, तुम को चाह के

तुम बिन जाऊँ कहाँ? कि दुनिया में आ के
कुछ ना फिर चाहा, सनम, तुम को चाह के
तुम बिन...

देखो मुझे सर से क़दम तक, सिर्फ़ प्यार हूँ मैं
गले से लगा लो कि तुम्हारा बेक़रार हूँ मैं

तुम क्या जानो कि भटकता फिरा
किस-किस गली तुम को चाह के

तुम बिन जाऊँ कहाँ? कि दुनिया में आ के
कुछ ना फिर चाहा, सनम, तुम को चाह के
तुम बिन...

अब है, सनम, हर मौसम प्यार के क़ाबिल
पड़ी जहाँ छाँव हमारी, सज गई महफ़िल

महफ़िल क्या, तनहाई में भी
लगता है जी तुम को चाह के

तुम बिन जाऊँ कहाँ?
तुम बिन जाऊँ कहाँ? कि दुनिया में आ के
कुछ ना फिर चाहा, सनम, तुम को चाह के
तुम बिन...



Credits
Writer(s): Rahul Dev Burman, Majrooh Sultanpuri
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