Dekho Woh Chand Chhupke

देखो, वो चाँद छुपके करता है क्या इशारे
देखो, वो चाँद छुपके करता है क्या इशारे, देखो
शायद ये कह रहा है, हम हो गए तुम्हारे
हो गए तुम्हारे, हम हो गए तुम्हारे
हो गए तुम्हारे, देखो

उल्फ़त का आज हमने इक़रार कर लिया है
लेकिन ये कौन जाने क़िस्मत में क्या लिखा है

मंज़िल को चल पड़े हैं तक़दीर के सहारे
हो गए तुम्हारे

देखो, वो चाँद छुपके करता है क्या इशारे, देखो

ऐसा ना हो कि हमको रस्ते में छोड़ जाओ
जा कर कहीं किसी की दुनिया नई बसाओ

मँझधार में रहे हम, लग जाओ तुम किनारे
हो गए तुम्हारे

देखो, वो चाँद छुपके करता है क्या इशारे, देखो

दिल में सिवा तुम्हारे कोई नहीं हमारे
ये अपने दिल से पूछो, क्या दिल में है तुम्हारे

देंगे मेरी गवाही कुदरत के ये नज़ारे
हो गए तुम्हारे

देखो, वो चाँद छुपके करता है क्या इशारे, देखो



Credits
Writer(s): Hemant Kumar, S H Bihari
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