Kuch Toh Log Kahenge

कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुछ तो लोग कहेंगे...

कुछ रीत जगत की ऐसी है, हर एक सुबह की शाम हुई
कुछ रीत जगत की ऐसी है, हर एक सुबह की शाम हुई
तू कौन है? तेरा नाम है क्या? सीता भी यहाँ बदनाम हुई

फिर क्यूँ संसार की बातों से भीग गए तेरे नैना?
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुछ तो लोग कहेंगे...

हमको जो आने देते हैं, हम खोए हैं इन रंगरलियों में
हमको जो आने देते हैं, हम खोए हैं इन रंगरलियों में
हमने उनको भी छुप-छुप के आते देखा इन गलियों में

ये सच है, झूठी बात नहीं, तुम बोलो, ये सच है ना?
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना



Credits
Writer(s): Indraadip Dasgupta, Anand Bakshi
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