Mashooqana

जब-जब तुझे मैं देखूँ लगती तू जन्नती है
जाने ये तुझ से कैसी निसबत सी हो गई है
ओ, जब-जब तुझे मैं देखूँ लगती तू जन्नती है
जाने ये तुझ से कैसी निसबत सी हो गई है

रू-ब-रू तेरे क्यूँ आने का ढूँढूँ बहाना?
बाख़ुदा, छोड़ दूँ तू जो कहे तो ज़माना

माशूक़ाना, उफ़, तेरा ये मुस्कुराना
माशूक़ाना, शरमा के नज़रें चुराना
ऐसा हुआ तेरा असर, दिल चाहे बस तुझ को पाना
माशूक़ाना, उफ़, तेरा ये मुस्कुराना
माशूक़ाना, शरमा के नज़रें चुराना

बोल जाती हैं आँखें तेरी सब बिन कहे
लम्स पाकर के तेरा दिल कैसे बस में रहे?
ओ-हो, तुझ से मिलने से पहले बेठिकाना थी मैं
अब ये लगने लगा है बेवजह ना थी मैं

ओ, कुछ देर तो तुझे देख लूँ
माने अगर तू बुरा ना

माशूक़ाना, उफ़, तेरा ये मुस्कुराना
माशूक़ाना, शरमा के नज़रें चुराना

माशूक़ाना

सुबह वीरान तुझ बिन, शब अधूरी लगे
ज़िंदगी से भी ज़्यादा तू ज़रूरी लगे
ओ-ओ-ओ-ओ, ऐसे महफ़ूज कर ले मुझ को आगोश में
उम्र भर मैं ना आऊँ फिर कभी होश में

नज़दीकियाँ इतनी बढ़ा दो
कि रहे फ़ासला ना

माशूक़ाना, उफ़, तेरा ये मुस्कुराना
माशूक़ाना, शरमा के नज़रें चुराना

जब-जब तुझे मैं देखूँ लगती तू जन्नती है
जाने ये तुझ से कैसी निसबत सी हो गई है
रू-ब-रू तेरे क्यूँ आने का ढूँढूँ बहाना?
बाख़ुदा, छोड़ दूँ तू जो कहे तो ज़माना

माशूक़ाना, उफ़, तेरा ये मुस्कुराना
माशूक़ाना, शरमा के नज़रें चुराना
ऐसा हुआ तेरा असर, दिल चाहे बस तुझ को पाना
माशूक़ाना, उफ़, तेरा ये मुस्कुराना
माशूक़ाना, शरमा के नज़रें चुराना

माशूक़ाना
Ariana
माशूक़ाना



Credits
Writer(s): Gaurav Dagaonkar, Arafat Mehmood
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