Do Dhaari Talwaar

नैन कटारी ऐसी मारी
तन-मन सुलगा, तड़पन भारी
इश्क़ लहू का जब दिल से उतरे
धीरे-धीरे चढ़े ख़ुमारी

ख़ाली जाए ना तेरा वार
हो, ख़ाली जाए ना तेरा वार
नैनों से करती है शिकार
तू दो धारी तलवार, यार
तू दो धारी तलवार, यार

हाँ, काटे तो कर दे रंगदार
तू दो धारी तलवार, यार
तू दो धारी तलवार, यार

तू तो थोड़ी मीठी, थोड़ी सी है ज़हरी रे
जैसे गर्मी की हो तपती सी दोपहरी रे
हौले से तू करे दिल पे हल्ला रे
हो, तेरी तारीफ़ें करता मोहल्ला रे

ज़ालिम है तेरा हर सिंगार
हो, नैनों से करती है शिकार
तू दो धारी तलवार, यार
तू दो धारी तलवार, यार

हो, बार-बार तेरा नक़्श-नक़्श
हो, रक़्स-रक़्स में जल्वा तू दिखा जा
(आजा, आजा, आजा)
हो, बार-बार तेरा नक़्श-नक़्श
हो, रक़्स-रक़्स में जल्वा तू दिखा जा

हो, आजा-आजा, मोहब्बत की whisky पिला
हो, दे-दे चाहत का तू सिला
(आजा-आजा, आजा-आजा)
(आजा-आजा, आजा-आजा)

हो, ताज-ओ-तख़्त मैं तो लाखों गिरा दूँ
सारे अर्श वाले धरती पे ला दूँ
मैं हूँ हुस्न, मुझसे बचके ही रहना
मैं ही मुक़द्दर बना दूँ, मिटा दूँ

तू कर ना मना, मुझे अपना बना
अब ऐसे तमाशा बना ना
तेरी मिन्नत करूँ, तेरी ख़ातिर मरूँ
तेरे दर के सिवा ना ठिकाना

तू तो थोड़ी मीठी, थोड़ी सी है ज़हरी रे
जैसे गर्मी की हो तपती सी दोपहरी रे
हौले से तू करे दिल पे हल्ला रे
तेरी तारीफ़ें करता मोहल्ला रे

हाँ, बातें हैं मेरी हथियार
हाए, नैनों से करती हूँ शिकार
मैं दो धारी तलवार, यार
मैं दो धारी तलवार, यार

हाँ, चाहत बड़ी मेरी महँगी पड़ेगी
नागिन नज़र, यारा, जब-जब लड़ेगी
जी ना सकोगे, तुम मर ना सकोगे
बनके ज़हर यूँ मोहब्बत चढ़ेगी

तेरी हसरत हुई, मेरी आफ़त हुई
तेरे बिन होगा अब ना गुज़ारा
तेरे सारे सितम, तेरे सारे ज़ुलम
हाँ जी, हाँ जी, मुझे है गवारा

तू तो थोड़ी मीठी, थोड़ी सी है ज़हरी रे
जैसे गर्मी की हो तपती दोपहरी रे
हौले से तू करे दिल पे हल्ला रे
हो, तेरी तारीफ़ें करता मोहल्ला रे

हाँ, रहने दे तू ये तकरार
हाए, नैनों से करती हूँ शिकार
मैं दो धारी तलवार, यार
मैं दो धारी तलवार, यार
तू दो धारी तलवार, यार
तू दो धारी तलवार, यार



Credits
Writer(s): Sohail Sen, Irshad Kamil
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