Dil Ne Jise Apna Kahaa

दिल ने जिसे "अपना" कहा
दिल ने जिसे "अपना" कहा
बेख़बर वो है वहाँ
जाने पर ज़मीं-आसमाँ

दिल ने जिसे "अपना" कहा
दिल ने जिसे "अपना" कहा
बेख़बर वो है वहाँ
जाने पर ज़मीं-आसमाँ

मिले नज़र उनसे पर थी हया दरमियाँ
बातों में भी कह ना सकी
दिल की बात ये ज़ुबाँ
अब है हलचल पल-पल पे पल
ढूँढे है उनको दिल
"के चल ज़रा उनकी ही मंज़िल"
बोले राज़ी दिल पर अब वो है कहाँ

दिल ने जिसे "अपना" कहा
दिल ने जिसे "अपना" कहा
बेख़बर वो है वहाँ
जाने पर ज़मीं-आसमाँ

खिले-खिले कैसे हैं रंग मिलके वो चाँद से?
दूर हैं हम मिलके भी देखिए आप से
तुम बिन जागे आँखों के तारे उनकी ही राहों में
के यूँ कभी उनके भी दिल में जागे मोहब्बत आए वो यहाँ

दिल ने जिसे "अपना" कहा
दिल ने जिसे "अपना" कहा
बेख़बर वो हैं वहाँ
जाने पर ज़मीं-आसमाँ

शाम-ओ-सेहर, चारों पहर ढूँढा तुझे हर दिशा
हाँ, मगर हार कर आ गई ये निगाह
साये को तेरे तरसे आँखे, तड़पे है दिल मेरा
के तेरे बिन प्यार वफ़ा क्या मेरा यहाँ?
क्या अपना लूटा जहाँ?

दिल ने जिसे "अपना" कहा
दिल ने जिसे "अपना" कहा
खो गया है वो कहाँ?
सुने है ज़मीं-आसमाँ
खो गया है वो कहाँ?
सुने है ज़मीं-आसमाँ



Credits
Writer(s): Mehboob
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