O Sathiya

ओ, साथिया, ओ, बेलिया
देखी है पहली बार आँखों ने ये बहार
रुत मस्त-मस्त, ये दिन, ये वक़्त
मौसम ने क्या जादू किया
दिल चुरा लिया, साथिया
दिल चुरा लिया, साथिया

देखी है पहली बार आँखों ने ये बहार
रुत मस्त-मस्त, ये दिन, ये वक़्त
मौसम ने क्या जादू किया
दिल चुरा लिया, साथिया
दिल चुरा लिया, साथिया

दिल था प्यासा, बस हमने सारा
सागर दो घूँट में पी लिया
पल दो पल में बस आज ही, कल में
१०० सालों का जनम जी लिया

देखा है पहली बार जीवन के आर-पार
रुत मस्त-मस्त, ये दिन, ये वक़्त
मौसम ने क्या जादू किया
दिल चुरा लिया, साथिया
दिल चुरा लिया, साथिया

फूलों को तो खिलते देखा था
काँटे भी आज तो खिल गए
लोगों को तो मिलते देखा था
ये धरती, आसमाँ मिल गए

आया है पहली बार क़िस्मत पे एतबार
रुत मस्त-मस्त, ये दिन, ये वक़्त
मौसम ने क्या जादू किया
दिल चुरा लिया, साथिया
दिल चुरा लिया, साथिया

देखी है पहली बार आँखों ने ये बहार
रुत मस्त-मस्त, ये दिन, ये वक़्त
मौसम ने क्या जादू किया
दिल चुरा लिया, साथिया
दिल चुरा लिया, साथिया



Credits
Writer(s): Anand Bakshi
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