Matargashti (From "Tamasha")

मटरगश्ती खुली सड़क में, तगड़ी तड़क-भड़क में
ओले गिरे सुलगते से, सुलगते से सड़क में
छतरी ना थी बगल में, आया ही ना अकल में
के भागे हम या भीगे हम अकड़ में, तो सोचा फिर

गीला हुआ है जो सुखाना, हो-हो-हो
चाहे ज़नाना या मर्दाना, हो-हो, हो-हो
(Attention)

फेंका नया पासा
फिर दे गई झाँसा
ऐंवई मुझे फाँसा
तेरी ऐसी की हो तैसी, ज़िंदगी

फेंका नया पासा
फिर दे गई झाँसा
ऐंवई मुझे फाँसा
चिरकुट ज़िंदगी यूँ ना

तू ही है वो, जिससे खेला था मैं Kho kho, खेला था खो
तू है लैला, शिरी, सोहनी, Juliet सुन लो
मुझको ढूँढो ना जंगल में
लो मैं Whatsapp में हूँ

ना तेरा, ना मेरा ज़माना, हो-हो-ह
ना ये ज़नाना ना मरदाना, हो-हो, हो-हो
पकड़ दाना

फेंका नया पासा
फिर दे गई झाँसा
ऐंवई मुझे फाँसा
चिरकुट ज़िंदगी यूँ, ow!

तू ही है वो, जिसने खींची मेरी धोती, धोती खींची
अब तू ढूँढे कहाँ बंदे?
ना मैं काबा, काशी, मैं Twitter पे हूँ
DP मेरी, देखो

सुन रे सुन, बेलिया
दिल ने धोखा दिया
आँखें मिली तुमसे, नाज़नीं
मेरे होश-ओ-हवास खो गए

हो, दिल ने रो-रो कहा
"ये आँखें है दिल की जुबाँ
ख़ाब रोज़-रोज़ देखे नए"

हो, दिल का भँवर, बोले, "सुन साथिया
छुप ना दुपट्टे में तू, ओ, छलिया"
प्रेम पुजारी के दिल का बयाँ होता रहा
रोता रहा, प्रिये, तो फिर...

मटरगश्ती खुली सड़क में, तगड़ी तड़क-भड़क में
ओले गिरे सुलगते से, सुलगते से सड़क में
छतरी ना थी बगल में, आया ही ना अकल में
के भागे हम या भीगे हम अकड़ में, तो सोचा फिर

गीला हुआ है जो सुखाना, हो-हो-हो
चाहे ज़नाना या मर्दाना, हो-हो, हो-हो
(Attention)

फेंका नया पासा
फिर दे गई झाँसा
ऐंवई मुझे फाँसा
तेरी ऐसी की हो तैसी, ज़िंदगी

फेंका नया पासा
फिर दे गई झाँसा
ऐंवई मुझे फाँसा
चिरकुट ज़िंदगी यूँ ना



Credits
Writer(s): A. R. Rahman, Irshad Kamil
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