Aahista Aahista

निंदिया तू आ

आहिस्ता-आहिस्ता, आहिस्ता-आहिस्ता
निंदिया तू आ, इन दो नैनों में
हलके से, होले से, कुछ सपने भोले से
निंदिया तू ला, इन दो नैनों में
बहे सोयी-सोयी जैसे सारी हवायें
समा भी है सोया-सोया सा
निंदिया रे, निंदिया रे, तू मेरे अंगना रे, आ जा रे
इन झुकती पलकों पे छा जा रे

आहिस्ता-आहिस्ता, आहिस्ता-आहिस्ता
निंदिया तू आ

मुलायम-मुलायम सी नीली-नीली रात है
थपकती हैं इस दिल को यादें कई
यादों के पालने में कोई खोई-खोई बात है
ओ निंदिया अब आ के तू मेरी बीती लोरी गा के
मेरे खोये सपने दिखला दे
यादों का पलना झुला दे

आहिस्ता-आहिस्ता, आहिस्ता-आहिस्ता
निंदिया तू आ, इन दो नैनों में
आहिस्ता-आहिस्ता, आहिस्ता-आहिस्ता
निंदिया तू आ

महकी हवा की रेशमी चादर कहो तो बिछा दूँ
नील गगन से चाँद को ले के तकिया बना दूँ
चांदनी ला के, तुम को ओढ़ा के, मैं गुनगुनाऊ गीत कोई
उस पल ही चुपके से फिर निंदिया आ जाये
पलकों पे जैसे ठहर जाये
मीठी-मीठी निंदिया आये

आहिस्ता-आहिस्ता, आहिस्ता-आहिस्ता
निंदिया तू आ, इन दो नैनों में
हलके से, होले से, कुछ सपने भोले से
निंदिया तू ला, इन दो नैनों में
बहे सोयी-सोयी जैसे सारी हवायें
समा भी है सोया-सोया सा
निंदिया रे, निंदिया रे, तू मेरे अंगना रे, आ जा रे, आ जा रे
इन झुकती पलकों पे छा जा रे

आहिस्ता-आहिस्ता, आहिस्ता-आहिस्ता



Credits
Writer(s): Javed Akhtar
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