Rajvaadi Odhni

लटक मटक चली
दिल को पटक चली
पकड़े कलाई कोई
बांह को चटक चली

ज़रा इधर चली
ज़रा उधर चली
गदर मचाया तूने
जहां जिधर चली
छोड़ छाड़ नैहर की गलियां
कौन है वो जिस पिया के घर चली

मन तरसे रे
रंग बरसे रे
मन तरसे रे, तरसे रे, तरसे रे
रंग बरसे रे, बरसे रे, बरसे रे
चैन की लुटेरी हूं मैं
निंदियां की चोरनी

लाई दे
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी

(ज़रा इधर चली, ज़रा उधर चली)
(गदर मचाया तूने)
(जहां जिधर चली)
(छोड़ छाड़ नैहर की गलियां)
(कौन है वो जिस पिया के घर चली)

हो, बांध के पायलिया पांव में, पांवों में
छन, छनाती जब मैं जाऊं रे
तो हवा का झोंका बोलो रे, बोलो रे
आ सवारी मैं क्या करवाऊं रे

हो, बांध के पायलिया पांव में, पांवों में
छन, छनाती जब मैं जाऊं रे
हां तो हवा का झोंका बोलो रे, बोलो रे
आ सवारी मैं करवाऊं रे

जब नाचू रे
जग सोचे रे
जब नाच रे, नाचू रे, नाचू रे
जग सोचे रे, सोचे रे, सोचे रे
आ गई शहर में कैसे जंगलों की मोरनी

लाई दे
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे लाई दे लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी

लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई दे, लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी
लाई दे, लाई दे, लाई दे मोहे रजवाड़ी ओढ़ीनी



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya, Pritaam Chakraborty
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