Kalank - Duet

हवाओं में बहेंगे, घटाओं में रहेंगे
तू बरखा मेरी, मैं तेरा बादल, पिया
जो तेरे ना हुए, तो किसी के ना रहेंगे
दीवानी तू मेरी, मैं तेरा पागल, पिया

हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी मिली है
एक राँझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना क्यूँ चाहे रे मिटाना

कलंक नहीं, इश्क़ है काजल, पिया
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल, पिया

पिया, पिया
पिया रे, पिया रे, पिया रे
पिया रे, पिया रे (पिया रे, पिया रे, पिया रे)

दुनिया की नज़रों में ये रोग है
हो जिनको वो जानें ये जोग है
एक तरफ़ा शायद हो दिल का भरम
दो तरफ़ा है तो ये संजोग है

लाई रे जब ज़िंदगानी की कहानी ऐसे मोड़ पे
लागे रे खुद को पराए हम किसी से नैना जोड़ के

हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी मिली है
एक राँझा और हीर जैसी
ना जाने ये ज़माना क्यूँ चाहे रे मिटाना

कलंक नहीं, इश्क़ है काजल, पिया
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल, पिया

(मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा)
(मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा)
(मैं तेरा, मैं तेरा)

मैं गहरा तमस, तू सुनहरा सवेरा
मैं तेरा, हो, मैं तेरा
मुसाफिर मैं भटका, तू मेरा बसेरा
मैं तेरा, हो, मैं तेरा
तू जुगनू चमकता, मैं जंगल घनेरा
मैं तेरा

हो, पिया, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा
मैं तेरा, मैं तेरा, हो, मैं तेरा

(मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा)
(मैं तेरा) मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा (मैं तेरा)
(मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा)
(मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा)



Credits
Writer(s): Amitabh Bhattacharya, Pritaam Chakraborty
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link