Haq Hai - Studio

चल खुल जाएँ तू और मैं ऐ दिल
चल ढूँढे कोई नई मंज़िल

यहाँ साए है घनघोर
मेरी रूह रहे हैं निचोड़
चल जाते हैं सब छोड़
'गर तू सहमत है

हक़ है, हक़ है
मुझे भी जीने का हक़ है
हक़ है, हक़ है
मुझे भी जीने का हक़ है
हक़ है, हक़ है

नहीं सिमट के बैठना साँसों को थामे
नहीं तिल-तिल मरना सुन के ये १०० ताने

पीछे रात है, आगे भोर
आगे है सुकूँ, पीछे शोर
चल जाते हैं सब छोड़
'गर तू सहमत है

हक़ है, हक़ है
मुझे भी जीने का हक़ है
हक़ है, हक़ है
मुझे भी जीने का हक़ है
हक़ है, हक़ है, हक़ है



Credits
Writer(s): Shreyas Puranik, Prashant Ingole
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