Dillagi Ne Di Hawa (with Dialogue)

ये Amitabh के romance की एक अदा थी, धीमी-धीमी, प्यारी-प्यारी
मगर उनके प्यार का style भी सतरंगी है भई
कभी चुमकार, तो कभी लठमार, कभी मुस्कुराहट की धूप, तो कभी सरारत का तूफ़ान
आप उनकी मोहब्बत के कई रंग देखेंगे, जैसा कि मैंने आपको बताया
अधिकतर गीतों के ज़रिए, और कुछ-कुछ dialogue द्वारा
मगर आगे बढ़ने से पहले बहनों और भाइयों इतना बात दूँ आपको
कि इसमें जो संवाद शामिल किए गए हैं ना
ये ज़रूरी नहीं कि वो उन्हीं फ़िल्मों के हों जिनके गीतों के साथ इन्हें जोड़ा गया है

मतलब ये कि गीत किस फ़िल्म का है, ये तो आप आसानी से जान ही लेंगे
मगर संवाद किस फ़िल्मका है, ये आपको परखना होगा, जी, हाँ
बस तो अब अपने दोस्त Ameen Saiyaani को अपना भाषण बंद करने की इजाज़त दीजिए, बहनों और भाइयों
अब मैं आपको आख़िर ही में मिलूँगा
तब तक जी भर कर सुनिए कि हमारा Amitabh क्या बोला, और क्या गाया?
इसमें romance करते हुए

दिल्लगी ने दी हवा, थोड़ा सा धुआँ उठा
और आग जल गई
तेरी-मेरी दोस्ती प्यार में बदल गई
तेरी-मेरी दोस्ती...
तेरी-मेरी दोस्ती प्यार में बदल गई

दिल्लगी ने दी हवा, थोड़ा सा धुआँ उठा
और आग जल गई
तेरी-मेरी दोस्ती प्यार में बदल गई
तेरी-मेरी दोस्ती...
तेरी-मेरी दोस्ती प्यार में बदल गई

दिल्लगी ने दी हवा, थोड़ा सा धुआँ उठा
और आग जल गई

पहले-पहले कम मिले, फिर तो ख़ूब हम मिले
एक मुलाक़ात में, हँस के बात-बात में
जाने तूने क्या कहा, जाने मैंने क्या सुना
जाने तूने क्या कहा, जाने मैंने क्या सुना
तूने किया मज़ाक, मेरी जाँ निकल गई

तेरी-मेरी दोस्ती प्यार में बदल गई
तेरी-मेरी दोस्ती...
तेरी-मेरी दोस्ती प्यार में बदल गई
दिल्लगी ने दी हवा, थोड़ा सा धुआँ उठा
और आग जल गई

दो दिलों के मेल में, इस नज़र के खेल में
ऐसे दिल धड़क गया, शोर दूर तक गया
ऐसे दिल धड़क गया, शोर दूर तक गया
क्या ये ख़ून माफ़ है, ये कोई इंसाफ़ है?
आँखों का था क़ुसूर, छुरी दिल पे चल गई

तेरी-मेरी दोस्ती प्यार में बदल गई
तेरी-मेरी दोस्ती प्यार में बदल गई
दिल्लगी ने दी हवा (हवा), थोड़ा सा धुआँ उठा (उठा)
और आग जल गई

ओ, तेरी-मेरी दोस्ती प्यार में बदल गई
तेरी-मेरी दोस्ती...



Credits
Writer(s): Laxmikant Pyarelal
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