Darkhaast-Aankhon Mein Teri

आई ऐसी रात है जो बहुत खुशनसीब है
चाहे जिसे दूर से दुनिया वो मेरे क़रीब है

ज़िंदगी लाई हमें यहाँ
कोई इरादा तो रहा होगा भला

कि दरख़ास्त है ये, जो आई रात है ये
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे

हो, जो अब लमहात हैं ये
(जो अब लमहात हैं ये)
बड़े ही ख़ास हैं ये (बड़े ही ख़ास हैं ये)
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे

राहों में मेरे साथ चल तू
थामे मेरा हाथ चल तू
वक्त जितना भी हो हासिल
सारा मेरे नाम कर तू
वक्त जितना भी हो हासिल
सारा मेरे नाम कर तू

आँखों में तेरी अजब सी, अजब सी अदाएँ हैं
हो, आँखों में तेरी अजब सी, अजब सी अदाएँ हैं
दिल को बना दे जो पतंग, साँसें ये तेरी वो हवाएँ हैं
दिल को बना दे जो पतंग, साँसें ये तेरी वो हवाएँ हैं

(तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे)
(भुला दे, भुला दे, हो)
तू मेरी बाँहों में दुनिया भुला दे
हाँ, भुला दे



Credits
Writer(s): Vishal-shekhar, Vishal Dadlani, Sayeed Quadri, Mithoon, Abhijit Vaghani
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