Tujhe Sochta Hoon

तुझे सोचता हूँ मैं शामों सुबह
इससे ज़्यादा तुझे
और चाहूँ तो क्या

तेरे ही ख्यालों में डूबा रहा
इससे ज़्यादा तुझे
और चाहूँ तो क्या

बस सारे ग़म में जाना
संग हूँ तेरे
हर एक मौसम मैं जाना
संग हूँ तेरे

अब इतने इंतहा भी ना ले मेरे
संग हूँ तेरे
संग हूँ तेरे
संग हूँ तेरे

मेरी धड़कनों में
ही तेरी सदा
इस कदर तू मेरी
रूह में बस गया

तेरी यादों से
कब रहा मैं जुदा
वक़्त से पूछ ले
वक़्त मेरा गवाह

बस सारे ग़म में जाना
संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना
संग हूँ तेरे
अब इतने इंतहा भी ना ले मेरे

संग हूँ तेरे
संग हूँ तेरे
संग हूँ तेरे

तू मेरा ठिकाना
मेरा आशियाना
ढले शाम जब भी
मेरे पास आना
है बाँहों में रहना
कहीं अब ना जाना
हूँ महफूज़ इनमे
बुरा है ज़माना
बस सारे ग़म में जाना
संग हूँ तेरे
हर एक मौसम में जाना
संग हूँ तेरे
अब इतने इंतहा भी ना ले मेरे
संग हूँ तेरे
संग हूँ तेरे
संग हूँ तेरे...



Credits
Writer(s): Pritam Chakraborty, Sayeed Quadri
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link