Sultan

क़िस्मत जो आवे सामने
तू मोड़ दे उसका पंजा रे
क़िस्मत जो आवे सामने
तू मोड़ दे उसका पंजा रे

चल मोड़ दे उसका पंजा रे

सात आसमाँ चीरे, अब सात समंदर पी ले
चल सात सुरों में कर दे ये ऐलान
हिम्मत है तो रोको और ज़ुर्रत है तो बाँटों
रे आज हथेली में रख दी है जान

ख़ून में तेरे मिट्टी, मिट्टी में तेरा ख़ून
ख़ून में तेरे मिट्टी, मिट्टी में तेरा ख़ून
ऊपर अल्लाह, नीचे धरती, बीच में तेरी जुनून
रे Sultan

सीने में तेरे आग, पानी, आँधी है
मेहनत की डोरी हौसलों से बाँधी है
ओ, सीने में तेरे आग, पानी, आँधी है
मेहनत की डोरी हौसलों से बाँधी है

है पर्वत भी तू ही और तू ही पत्थर है
जो चाहे तू वो ही बन जाए, तेरी मर्ज़ी है

आँसू और पसीना, अरे, है तो दोनों पानी
पर मोड़ के रख दे दोनों ही तूफ़ान
चोट हो जितनी गहरी या ठेस जिगर में ठहरी
तो जज़्बा उतना ज़हरी है, ये मान

नूर-ए-सुकून, नीयत से जुनून, ये तुझको पता है, तुझमें छुपा है
तू उसको ले, उसको ले पहचान
तेरा इरादा, तुझसे भी ज़्यादा, उसको पता है जो लापता है
तू इतना ले, इतना ले अब मान

वो दिल में है तेरे, तू उसकी नज़रों में
हाय, चल हद से आगे रे
चाहा जो तूने वो पाने
चल बन जा रे Sultan

सात आसमाँ चीरे, अब सात समंदर पी ले
चल सात सुरों में कर दे ये ऐलान

ख़ून में तेरे मिट्टी, मिट्टी में तेरा ख़ून
ख़ून में तेरे मिट्टी, मिट्टी में तेरा ख़ून
ऊपर अल्लाह, नीचे धरती, बीच में तेरी जुनून
(रे, Sultan)

सात आसमाँ चीरे, अब सात समंदर पी ले
चल सात सुरों में कर दे ये ऐलान
हिम्मत है तो रोको और ज़ुर्रत है तो बाँटों
रे आज हथेली में रख दी है जान



Credits
Writer(s): Vishal Dadlani, Irshad Kamil, Shekhar Ravjiani
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