Ru Tu Tu

रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
मेरी जान है, तू जहान है
तू ही है मेरी आरज़ू

रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
मेरी जान है, तू जहान है
तू ही है मेरी आरज़ू

रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
रु-तु-तु-तु, दिल में है तू

माना दिलरुबा (दिलरुबा), मुझसे हो ख़फ़ा (हूँ ख़फ़ा)
सुन तो ले मगर, दिल की सदा
तेरे दिल में "हाँ" (दिल में "हाँ"), होंठों पे है "ना" (क्यूँ है "ना")
मुझको भा गई तेरी अदा

यूँ तो लाखों हसीं है, मेरी तू ही तू

रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
मेरी जान है, तू जहान है
तू ही है मेरी आरज़ू

रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
रु-तु-तु-तु, दिल में है तू

कैसा है नशा? (है नशा), कैसी बेख़ुदी? (बेख़ुदी)
झूमे है मेरी ये ज़िंदगी
मंज़िल तू मेरी (तू मेरी), तू ही रोशनी (रोशनी)
पा कर अब तुझे, क्या है कमी?

यूँ ही हरदम रहे तू मेरे रुबरू

रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
मेरी जान है, तू जहान है
तू ही है मेरी आरज़ू

रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
रु-तु-तु-तु, दिल में है तू

(रु-तु-तु-रु-तु-रु)
(रु-तु-तु-रु-तु-रु)
(तु, रु, रु, रु)

माना, ओ, सनम (ओ, सनम), तुमसे थी ख़फ़ा (हाँ, ख़फ़ा)
ये भी एक थी मेरी वजह
तुमसे रूठकर (रूठकर), कैसे मैं रहूँ? (मैं रहूँ)
रह ना पाऊँगी तुमसे जुदा

तेरे हाथों में है अब मेरी आबरू

रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
मेरी जान है, तू जहान है
तू ही है मेरी आरज़ू

रु-तु-तु-तु, दिल में है तू
रु-तु-तु-तु, दिल में है तू

(रु-तु-तु-तु, दिल में है तू)
(रु-तु-तु-तु, दिल में है तू)
(रु-तु-तु-तु, दिल में है तू)



Credits
Writer(s): Rani Malik
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