Sankat Mochan

आदी सक्ती के लाद्ले राम भक्त सीर मोह्
संकट मोचन आप से विन्ती करुन कर जो
रुद्र वेस शंकर शुभ पावन पुत्र बल्वान्
जय संकट मोचन प्रभु बज्रङी हनुमान

दिन दुखहारी आ गिरी दर तेरे सिर नाथ
दया दृस्ती से चमन के दिजो कस्त मिताए
जय संकट मोचन भग्वान जय बज्रङी जय हनुमान
जय संकट मोचन भग्वान जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान

जय जय राम नाम के प्यारे
जय अन्जली सुत पवन दुल्हारे
सिद्ध काज सब करो हमरे पक्दु
नाथ मैन चारन तुम्हारे
मन्द मती बालक अन्जान
जय संकट मोचन भग्वान

चारो वेदो ने याश गाया
शंकर जि डमरू खड्काया
भैरव जि ने नाद बजाया गन्धर्वो ने राग सुनया
नारद वीना लगे बजाने
जय संकट मोचन भग्वान

राहु केतु नव ग्रहा भारि
बृझास्पती मंगल सनी बल्कारी
जिस्पे होवे कृपा तुम्हारि
रेह्ता है वो सदा सुखारि
चम्के तेज सुरज के समान
जय संकट मोचन भग्वान

मेरी इज्जत हात तुम्हारे
जाउन मैन अब किस्के द्वारे
कातो संकट आप हमारे
तुम हि हो प्रानो से प्यारे
दया करो ए दया निधान
जय संकट मोचन भग्वान

दुनिया के दुख आने ना देना
आन को मेरी जाने ना देना
कस्त से मेर मन ना दोले
किसी के आगे दुख ना खोले
सदा रहे कर्ते गुन गान
जय संकट मोचन भग्वान

कोइ बिगादेगा क्या मेरा
जब है मुझे साहारा तेरा
क्योन विकारोन ने मुझ्को घेरा
हार करो ए वेदा मेरा
तुम हो सब्से शक्तिमान
जय संकट मोचन भग्वान

तेरे दर पर आउन कैसे
दर्शन तेरा पाउन कैसे
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान
होल के हाल सुनाउ कैसे
दुखिया दिल सम्झाउ कैसे
आप हो सब्के जानी जान
जय संकट मोचन भग्वान

पाथ करे नित प्रेम बधाए
कीर्तन महा मन्त्र का गाए
जो भक्ती श्रद्धा से धाए
उस्पे ना कोइ संकट आए
दर्शन देवेङे हनुमान
जय संकट मोचन भग्वान

सुकल पक्ष का मंगल आवे
बज्रङी का ब्रता करावे
संकट मोचन के गुन गान गावे
भोग लगा प्रर्सादी पावे
करेङे बज्रङी कल्यान
जय संकट मोचन भग्वान

संकट मोचन मन्दिर जाके
चमन प्रेम से शिश झुकाके
विनाव सुनाए दीप जलाके
दो पख्वारे नियम बनाके
मुह माङा पावे वर्दान
जय संकट मोचन भग्वान
जय संकट मोचन भग्वान
जय संकट मोचन भग्वान

श्रद्धा ओर विस्वास मेइन्
पूजा का आधार्
करे एदी नर पात कि हो जाए बेदा पार्
शक्ती को बज्रङ है भक्ती को हनुमान्
कस्त मिताने के लिए है संकट मोचन जाप

संकट मोचन केह्ते हि
सब संकट मित जाए
चमन अभागे देव है
जो ना श्रद्धा लाए
जय संकट मोचन भग्वान
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान

बज्रङ इधर भि ध्यान धरो
दर्शन दे कर कल्यान करो
सर्नागत कि रख लाज प्रभु
सब देवन के सर्ताज प्रभु
मेरे भि सवारो काज प्रभु

संकट मोचन महराज प्रभु
मेरे दुख कि पेह्चान करो
बज्रङ इधर भि ध्यान धरो
जय बज्रङी जय हनुमान्
जय बज्रङी जय हनुमान्
जय बज्रङी जय हनुमान्
जय बज्रङी जय हनुमान्

मुझ्को एक तेरी आस रहे
दिल हर दुम तेरे पास रहे
तेरे चरानो का दास रहे
ओर तुज्पे अतल विस्वास रहे
इत्नी हि दया दयावान करो
बज्रङ इधर भि ध्यान धरो
अप्नी औकात मेइन रेह कर के
सन्तोन कि सँगत बेह कर के

हर कस्त को सीर पार सेह कर के
ओर राम राम हि केह कर के
जिवन मेरा गुज्रा करो
बज्रङ इधर भि ध्यान धरो
मैन् निर्भेय हो कर गुन गाउन्
गुन गा कर उज्ज्वल याश पाउन

ना कस्त किसी को पोहोन्चौन्
हर दर्द क दारु बन जाउन
निर्बल मन को बल्वान करुन्
बज्रङ इधर भि ध्यान धरो
मन लगा भलायी मेइन हि रहे

तन सेवा करायी मेइन हि रहे
तन नेक कमायी मेइन हि रहे
ओर जबान सच्चायी मेइन हि रहे
बस यही वर वर्दान करो
बज्रङ इधर भि ध्यान धरो

ना जङ मेइन जन्म करोलुन मैन्
अभिमान के वचन ना बोलुन मैन्
दुख किसी के पास ना खोलु मैन्
मुस्किल मेइन भि ना दोलुन मैन्
शक्ती दे शक्तिमान करो
बज्रङ इधर भि ध्यान धरो

ना राग रहे ना द्वेस रहे
ना कोइ मुझे कलेस रहे
तेरा हि ध्यान हमेशा रहे
ओर याद यही उपदेश रहे
मन राम नाम नित्गान करो
बज्रङ इधर भि ध्यान धरो

संकट मोचन संकट से छुदा
हनुमान मेरी हिम्मत को बदा
बज्रङ मेर तन बज्र बना
आ पवन पुत्र मम आस पुज
रक्षा मेरी भागवान करो
बज्रङ इधर भि ध्यान धरो

है संकट मोचन नाम तेरा
क्युन संकट नही हर्ते मेरा
मेरी भि और करो फेरा
तेरे दर पर है किया देरा
ना चमन को अब परेसान करो
बज्रङ इधर भि ध्यान धरो

राम भक्त तुम्को श्री राम प्रभु कि याद्
कस्त हरो पुरी करो आस मेरी हनुमान
शक्ती को बज्रङ है भक्ती को भग्वान
संकट हर्ने के लिए संकट मोचन जाप

शक्ती भक्ती मुक्ति प्रभु
दे कर करो कल्यान्
रिद्धी सिद्धी नव निद्धी का
चमन को दो वर्दान्
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान
जय बज्रङी जय हनुमान



Credits
Writer(s): Traditional, Surinder Kohli
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